national exhibition connects students to the physical and social environment SACHI SHIKSHA HINDI

विद्यार्थियों को भौतिक और सामाजिक पर्यावरण से जोड़ती है राष्ट्रीय प्रदर्शनी

विज्ञान एवं गणित को बच्चों, शिक्षकों एवं आम जनता के बीच सर्व-प्रिय बनाने व वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से प्रतिवर्ष राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) नई दिल्ली, जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण प्रदर्शनी आयोजित करती है। वर्ष 1971 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा प्रथम विज्ञान प्रदर्शनी दिल्ली में बच्चों के लिए राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी के बैनर तले संयुक्त रूप से आयोजित की गई थी।

पर्यावरण से सम्बन्धित मुद्दों पर अधिक जोर देने के लिए इस प्रदर्शनी का नाम बदलकर अब जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय विज्ञान, गणित और पर्यावरण प्रदर्शनी कर दिया गया है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से विद्यार्थियों को ये अनुभव करवाने का प्रयास किया जाता है कि हमारे चारों तरफ विज्ञान और गणित है। हम सीखने की प्रक्रिया को भौतिक और सामाजिक पर्यावरण से जोड़कर अपने ज्ञान में इजाफा करके बहुत सी समस्याओं का हल निकाल सकते हैं।

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देशभर में सभी राज्यों में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के तत्वावधान में प्रतिवर्ष खंड स्तर, जिला स्तर एवं राज्य स्तर पर इस प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। इस प्रदर्शनी की खासियत यह है कि देश के विभिन्न भागों के विद्यार्थियों को विज्ञान, गणित एवं प्रौद्योगिकी के विविध पहलुओं को समझने के साथ-साथ उन्हें एक दूसरे को जानने व आपस में विभिन्न संस्कृतियों से परिचित होने का मौका मिलता है।

सत्र 2021-22 में प्रदर्शनी का मुख्य विषय ‘प्रौद्योगिकी और खिलौने’ था और उपविषय थे – पर्यावरण अनुकूल सामग्री, स्वास्थ्य और स्वच्छता, सॉफ्टवेयर और ऐप्स, परिवहन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन और गणितीय मॉडलिंग। इसके अलावा विचार गोष्ठी जिसका विषय था ‘भारत के वैज्ञानिक शैक्षणिक संस्थान’। कोविड -19 और ओमिक्रोन के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान प्रदर्शनी का आयोजन आॅनलाइन माध्यम से किया गया।

इस प्रदर्शनी का उद्देश्य न केवल बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और शोध की सोच पैदा करना था, बल्कि उन्हें आभासी शिक्षण सहायक सामग्री से परिचित कराना भी था। आज हम ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं और इन पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। यह समय की मांग है कि ऐसे विकल्पों का विकास किया जाए जो पर्यावरण को क्षरण से बचाएं। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रदर्शनी में एक उपविषय पर्यावरण अनुकूल सामग्री रखा गया था ताकि विद्यार्थी प्रदर्शनी में पर्यावरण अनुकूल सामग्री के लाभ से सम्बधित मॉडल बनाकर लाएं जो लोगों को पर्यावरण के बारे में जागरूक कर सके।

दूसरा उपविषय स्वास्थ्य और स्वच्छता रखा गया ताकि विद्यार्थियों में स्वास्थ्य और शरीर की पोषण सम्बन्धी जरूरतों को प्रभावित करने वाले कारकों के बारे में अवगत करवाया जा सके। सॉफ्टवेयर और ऐप्स उपविषय विद्यार्थियों और शिक्षकों को नए और नवाचारी तरीकों के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शामिल किया गया था । सॉफ्टवेयर और ऐप्स आधारित खिलौनों के उपयोग से विद्यार्थियों को विभिन्न कौशल सीखने और विकसित करने में सहायता मिल सकती है। आज प्रौद्योगिकी ने हकीकत में खिलौने बदल दिए हैं! आज से 30 वर्ष पूर्व हम में से अधिकतर लोग यह सोचने की स्थिति में नहीं थे कि भविष्य में किस तरह के खिलौने आम तौर पर उपलब्ध होंगे। यदि आज के बच्चे समस्याओं को समझने और उन्हें सुलझाने के साथ-साथ नए विचारों की रचना करने में जुट जाएं तो उन्हें आने वाले कल की चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर ढंग से तैयार कर सकते हैं।

एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा प्रदर्शनी में विद्यार्थियों और शिक्षकों की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए दो चरणों में प्रदर्शनी आयोजित करवाई जाती है जिसमें प्रथम चरण में खंड से लेकर राज्य स्तर तक प्रदर्शनी का आयोजन होता है। द्वितीय चरण में अब JNNSMEE (JAWAHARLAL NEHRU NATIONAL SCIENCE MATHEMATICS AND ENVIRONMENT EXHIBITION FOR CHILDREN) कहा जाता है, का आयोजन होता है। हरियाणा राज्य की बात करें तो सत्र 2021-22 में एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण प्रदर्शनी में राज्य से 9 विद्यार्थियों के मॉडल चयनित हुए, जिसमें से दो मॉडल सिरसा जिला के थे।

प्रदर्शनी के उद्देश्य

  • समाज के लिए पर्यावरण के अनुकूल सामग्री के उत्पादन के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाना।
  • विद्यार्थियों की जिज्ञासा और अविष्कारशीलता को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच उपलब्ध करवाना।
  • बच्चों को संवेदनशील और जिम्मेदार नागरिक बनाने में सहायता करना।
  • विद्यार्थियों को पर्यावरण की चिंताओं और मुद्दों के प्रति जागरूक करना और उन्हें उनके समाधान के लिए नवीन विचारों को विकसित करने के लिए प्रेरित करना।
  • विद्यार्थी और शिक्षक इन प्रदर्शनियों में सभी पहलुओं का विश्लेषण करके यह पता लगाने का प्रयास कर सकते हैं कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नए शोध जीवन की चुनौतियों में सुधार लाने में कितने महत्वपूर्ण हैं।
  • प्रदर्शनी में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के उपकरणों, यंत्रों और तकनीकों से रूबरू होने का अवसर मिलता है।

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