happy holi

ऐसे मनाएं happy holi जो सबके लिए हो खास उत्तर भारत में होली का त्यौहार बड़े उत्साह और खुशी से मनाया जाता है। होली का त्यौहार रंगों के त्यौहार के रूप में जाना जाता है जिसका इंतजार सभी बेसब्री से करते हैं। इस त्यौहार को जितने ज्यादा लोग मिलकर मनाएं, उतना ही आनंद महसूस होता है। happy holi कभी कभी पहले मन नहीं करता कि रंगों से स्वयं गीला हुआ जाए।

बस देखकर मजा लेने की इच्छा होती है happy holi

पर जब विवश होकर खेलना पड़े तो मन और खेलने को करता है। होली का त्यौहार कुछ संभल कर और समझदारी से खेला जाए तो मजा बढ़ जाता है। यदि इसे गंदे रूप में जैसे कीचड़, ग्रीस, गुब्बारे आदि से खेला जाए तो त्यौहार का मजा किरकिरा हो जाता है।

आइए देखें कि साल में एक बार आने वाला यह त्यौहार, जिसका इंतजार बच्चों, किशोरों और बड़ों को होता है,

उसे और रंगीन कैसे बनाया जाये। happy holi

  • रंग व गुलाल बाजार से पहले ही मंगा कर रख लेना चाहिए ताकि कोई आपके घर होली खेलने आए तो आप बिना रंग के शर्मिदगी महसूस न करें। गुलाल प्रात: खोलकर प्लेटों में रख देना चाहिए। उन प्लेटों को मुख्य द्वार के पास ही रखें ताकि इधर उधर रंग ढूंढना न पड़।
  • बच्चों को गुब्बारों के साथ होली खेलने के लिए निरूत्साहित करें। गुब्बारों से खेलने से चोट लग सकती है । इससे त्यौहार का मजा किरकिरा भी हो सकता है।
  • बच्चों को गुलाल के रंगों के अलग से पैकेट दे दें ताकि वे त्यौहार की पूरी मस्ती ले सकें और बार-बार आपको परेशान न करें।
  • बच्चों को गुब्बारों के स्थान पर पिचकारी से खेलने के लिए प्रेरित करें। उसके लिए एक रात पहले टेसू के फूल पानी से भरी बड़ी बाल्टी या टब में भिगो दें। इन फू लों से बना पीला रंग स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
  • होली से एक दिन पूर्व ही कपड़ों का चयन कर निकाल कर रख लें ताकि सुबह उठते ही या रात्रि में पहले से उन कपड़ों को पहन लिया जा सके। वस्त्र ऐसे हों जो अधिक से अधिक त्वचा को ढक कर रखें। थोड़े मोटे वस्त्र ही पहनें। पारदर्शी वस्त्रों को न पहनें। बच्चों हेतु दो-तीन जोड़ी वस्त्र निकालें।
  • जो वस्त्र होली खेलने के उपरान्त पहनने हों, उन्हें भी पहले निकाल लें ताकि गीले रंगों वाले वस्त्रों और हाथों से अलमारी को न खोलना पड़े। साफ -सुथरे कपड़े भी रंग से भीगे हाथों से खराब हो सकते हैं।
  • अपनी त्वचा को रंगों से बचा कर रखने हेतु सारी त्वचा और बालों पर तेल लगा लें। बच्चों को भी तेल अच्छी तरह से चुपड़ दें।
  • पुराने तौलिए को काट कर हैंड टॉवल के आकार का बना लें ताकि हाथ मुंह पोंछने में अच्छे तौलिए खराब न हों।
  • होली खुले आंगन में खेलें तो अधिक मजा आएगा। बड़े नगरों में आंगन न के बराबर होते हैं। ऐसे में छत पर भी होली खेली जा सकती है पर ध्यान रखें कि छत के चारों ओर ऊंची दीवार होनी चाहिए।
  • घर पर आने वाले अतिथियों हेतु मीठा, नमकीन, गुजिया का प्रबन्ध पहले ही कर लें। चाय हेतु पर्याप्त दूध, चीनी, पत्ती का भी प्रबंध कर लें।
  • फ ोम के डिस्पोजेबल गिलास रखें ताकि बर्तनों की सफ ाई के लिए परेशानी न उठानी पड़े। बड़े गार्बेज बैग रखें ताकि प्रयोग की हुई प्लेटें और गिलास इधर उधर न फैले।
  • दोपहर के खाने का प्रबंध भी पहले ही कर लें। यदि आप खास रिश्तेदार के यहां मिल कर होली मनाने का प्रोग्राम बना रहे हैं तो पहले से खाने पर विचार कर मिल बांट कर बना कर ले जायें ताकि बोझ भी न बने।
  • होली खूब खेलें, यदि योजनाबद्ध तरीके से खेलेंगे तो पूरा आनंद ले पायेंगे।
    -संजीव चौधरी ‘गोल्डी’

ध्यान रखें होली में

होली का त्यौहार आते ही होली पर लगाये जाने वाले रंगों को लेकर मन में डर बैठने लगता है। नाजुक शरीर की त्वचा को विभिन्न प्रकार के जहरीले रंग नुकसान ही नहीं पहुंचाते बल्कि सारी उम्र के लिये भयंकर रोग दे जाते हैं। कई बार तो होली का हुड़दंग मनुष्य को बहुत महंगा साबित होता है। सस्ते घटिया जहरीले रंग रंगीली होली को दागदार कर सकते हैं। होली की मस्ती में सावधानी रखनी चाहिए।

होली खेलने से पूर्व तैयारी:-

आप होली के दिन सुबह जल्दी ही अपने चेहरे गर्दन व हाथों पर वैसलीन, सरसों का तेल या कोई अन्य चिकनाहट वाला पदार्थ लगा लें। ऐसा करने से त्वचा पर रंग नहीं चढ़ता। छोटे बच्चों की गर्दन, मुंह व हाथ-पैर पर जरूर चिकनाहट आदि लगा दें ताकि बच्चे भी जी भर कर होली खेल सकें और उनकी त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुंच पाये।

रंग छुड़ाने के लिये:-

त्वचा पर लगे रंग को छुड़ाने के लिये कभी भी कपडेÞ धोने वाला साबुन डिटरजेंट केक, डिटरजेंट पाउडर का भूलकर भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। डिटरजेंट मात्र कपड़ों के ऊपर से ही दाग धब्बे हटाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। कोमल मुलायम त्वचा पर रंग उतारने के लिये डिटरजेंट का प्रयोग बेहद हानिकारक सिद्ध होगा।

त्वचा पर रंग कितना ही ज्यादा लगा हो, बेहतर यह होगा कि नहाने वाले साबुन का ही इस्तेमाल करें। यदि चेहरे पर तेज पक्के रंग, पेंट आदि लगा है तो उसे कभी भी किरोसीन तेल से नहीं छुड़ाना चाहिए। इसके लिए हमेशा नारियल के तेल का इस्तेमाल करना हितकर होगा। नारियल के तेल से काले, सफेद, लाल पेंट मिनटों में ही चेहरे से छूट जाते हैं। पेंट या रंग उतारने के लिये त्वचा को ज्यादा न रगड़ें। इससे त्वचा पर घाव हो सकते हैं।

स्नान से पूर्व:-

होली खेलने के बाद स्रान के लिये बेहतर यह होगा कि हल्के गुनगुने पानी में स्रान किया जाये। पानी में डेटाल की तीन चार बूंदें डाल लेना उचित होगा। आंखों की सफाई के लिये साफ, ताजे ठण्डे पानी की बाल्टी में आंखों को पांच से दस बार खोलें और बंद करें। आंखों से रंग साफ करने के लिये कभी भी हाथ की उंगलियों से आंखों को नहीं रगड़ना चाहिए। इससे आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। घातक रसायनों के रंगों का इस्तेमाल भूलकर भी नहीं करें।

होली वाले दिन घर में दही अवश्य रखें। रंग खेलने के बाद साबुन से नहाएं, फिर त्वचा पर दही रगड़ें। दही न सिर्फ रंग छुड़ाने में मददगार साबित होगा बल्कि त्वचा को हानिकारक कैमिकल्स के कुप्रभावों से कुछ हद तक बचाएगा भी और त्वचा मॉइस्चराइज करेगा व खुजली से भी बचाएगा।

सच्ची शिक्षा हिंदी मैगज़ीन से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें FacebookTwitter, LinkedIn और InstagramYouTube  पर फॉलो करें।

कोई जवाब दें

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!