सम्पादकीय

रूप वटा खुदा चले आए… : सम्पादकीय , पावन अवतार दिवस (25 जनवरी) पर

कुल मालिक स्वरूप पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी दाता रहबर अपनी बिछुड़ी हुई रूहों को वापस सचखंड ले जाने के लिए सृष्टि पर खुद बंदे का रूप धार के आए। मौला, खुद-खुदा परम पिता परमात्मा आदमी का रूप वटा (मनुष्य चोला पाके) धरती पर आए और जीवों के उद्धार का बीड़ा उठाया।

इस वास्तविकता का भेद स्वयं बेपरवाह मस्ताना जी महाराज ने दुनिया को स्पष्ट रूप में बताया कि इन्हें (पूज्य परम पिता जी के बारे वचन फरमा रहे थे) बंदा न जानना। ये वो ही ‘सतनाम’ है खण्डों, ब्रह्मण्डों के मालिक और खण्ड-ब्रह्मण्ड जिनके सहारे खड़े हैं।

दुनिया सतनाम सतनाम जपदी मर गई, पर आज तक किसी ने भी सतनाम को नहीं देखा है, अगर देखा है किसी ने तो बताओ! जो कोई इन्हें पीठ पीछे से भी देख लेगा, जो एक बार भी अपने मुख से ‘सतनाम’ उच्चारण करेगा उसका उद्धार ये अपनी रहमत से करेंगे उसे नरकों में धक्के नहीं खाने पड़ेंगे।

जो खण्ड-ब्रह्मण्ड के पार है, सारे खण्ड-ब्रहमण्ड जिनके सहारे खड़े हैं। जो दोनों जहानों में अपने जीवों की संभाल कर रहे हैं जिनके अपार रहमो-करम से जीवन की हर मुश्किल आसान हो गई है, जिनकी एक झलक तड़प रही अति व्याकुल रूहों को असीम शांति प्रदान करने वाली है, जिनके लाजवाब रूहानी व सामाजिक मार्ग दर्शन को पाकर हर कोई धन्य और नतमस्तक है, पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी वो महान हस्ती है।

पूज्य परम पिता जी ने 25 जनवरी साल 1919 को श्री जलालआणा साहिब के जैलदार सरदार वरियाम सिंह जी के घर पूज्य माता आस कौर जी की पवित्र-कोख से अवतार धारण किया तथा लोक भलाई व जीवोद्धार के उद्देश्य से अपना र्स्वस्व (तन मन धन और सब कुछ) अपने प्यारे मुर्शिदे-कामिल दाता, बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज पर न्यौछावर करके अपने आप को भी उनके समर्पण कर दिया।

पूज्य बेपरवाह जी ने आप जी के अंदर उस महान ईश्वरीय शक्ति कुल मालिक के पवित्र स्वरूप को प्रकट किया तथा आप जी को सरदार हरबंस सिंह जी से परम पिता शाह सतनाम जी के अति पवित्र नाम तथा सर्वोच्च रूहानी बख्शिश से नवाज कर दुनिया को बताया कि ये ‘सतनाम’ कुल मालिक का ही नाम है, इन्हीं के ही इशारे से सारे खण्ड-ब्रह्मण्ड प्रकृति, दसों दिशाएं और खुद मालिक भी अपने-अपने कार्य में रत हैं।

पूजनीय मौजूदा हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां डॉ. एमएसजी लायन हार्ट अपने एक भजन में फरमाते हैं :-

रूहों की तड़प ने दयाल को रिझाया
देख के तड़प जी शताबी चला आया
बनके मल्लाह जी हैं आप चल आए
आदमी का चोला पाके हमें समझाया
आया-आया-आया, जन्म दिहाड़ा आया …।।

सतगुरु परम पिता शाह सतनाम जी दाता रहबर ने सृष्टि पर अवतार धारण कर और गुरु रूप में सृष्टि उद्धार के लिए जो महान परोपकार किए हैं, दुनिया बार-बार सजदा, नमस्कार, धन्य-धन्य कहती है कि पूज्य परम पिता जी ने अपने सुख आराम आदि सभी सुख-सुविधाओं को छोड़ कर अपना एक-एक पल जीवोद्धार कार्यों में लगाया है।
आप जी के इन अपार रहमो-करम के सदके ही आज सच्चा सौदा पूज्य मौजूदा हजूर पिता जी की रहनुमाई में दिन दुगुनी रात चौगुनी बुलंदियों की ओर बढ़ रहा है और दुनिया के कोने-कोने में कुल मालिक शाह सतनाम-शाह सतनाम जी का नाम गूंज रहा है।

पावन अवतार दिवस मुबारक हो….
मुबारक हो।

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