self defence training for women - Sachi Shiksha

प्रत्येक महिला में अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकने की क्षमता होना समय की पहली आवश्यकता बन गई है। घर में दोपहर का समय हो या अंधेरा होने के बाद बाहर निकलना हो, अकेले यात्रा करनी हो या ऐसी ही अन्य कोई और परिस्थिति हो, स्वयं को सावधान व सतर्क रखना बहुत आवश्यक है।

विषम परिस्थितियों में मस्तिष्क को सजग रखने से बहुत-सी दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। निम्न सुझाव ध्यान में रखकर आप ऐसी कठिन परिस्थितियों से स्वयं को बचा सकती हैं।

दरवाजे पर कॉल बैल बजने पर दरवाजा एकदम न खोलें। दरवाजे में बने बाहर की तरफ झांकने के लिए ‘स्पाई होल’ या ‘सुरक्षित छिद्र’ में से आगंतुक को देख लें यानि उसे पहचान कर ही दरवाजा खोलें।

दरवाजे के बाहर रोशनी का पर्याप्त प्रबंध रखें, ताकि बाहर खड़ा व्यक्ति आपको दिखाई दे।
दरवाजों पर ‘डोर चेन’ अवश्य लगाएं। जिससे पूरा दरवाजा खोले बिना आप बाहर खड़े व्यक्ति से बात कर सकती हैं। अनजान, अपरिचित व्यक्ति को अंदर घुसने से रोके रखें, जब तक आपका कोई सहायक या परिवार का सदस्य नहीं आ जाता। आगंतुक चाहे महिला हो या छोटा बच्चा, बिना पहचाने उसे अंदर न आने दें। कभी-कभी बिजली या जल विभाग के कर्मचारी के रूप में भी लोग अनावश्यक रूप से घर में घुसने का प्रयत्न करते हैं, ऐसे व्यक्तियों को भी बिना सही पहचान के अंदर न आने दें।

आगंतुक पर जरा भी संदेह हो तो सहायता के लिए पड़ोस से किसी को पुकारें या फोन हो तो पुलिस को सूचित करें।
यदि कोई अपरिचित व्यक्ति स्वयं को आपके पति या उनके किसी निकट संबंधी द्वारा भेजा गया बताकर घर में घुसने की चेष्टा करे या कुछ रुपया, सामान मांगे तो बिना लिखित सूचना के उस पर विश्वास न करें।

घर से बाहर जाने से पहले और रात को सोने से पहले अपने घर की सभी खिड़कियां, दरवाजे विशेष रूप से चैक करने की तो प्रत्येक महिला को अपनी आदत बना लेनी चाहिए। रात को सोने से पहले खिड़कियों पर पर्दे खींच दें, जिससे कोई बाहरी व्यक्ति ताक-झांक न कर सके।

जब आप अपने परिवार सहित कहीं बाहर जाएं, तब भी ध्यान रखिये कि

  • घर की चाबियां कभी नौकर, चौकीदार आदि को न दें, क्योंकि इनसे नकली चाबियां आसानी से बनवाई जा सकती हैं।
  • अगर आप छुट्टियों में बाहर जा रहे हैं तो अपने दूध वाले, अखबार वाले को मना कर दें। अपने पड़ोसियों से भी अपने घर पर नजर रखने का अनुरोध करें।
  • घर लौटने पर यदि आपको किसी प्रकार की दुर्घटना का जरा भी संदेह हो या आपको लगे कि आपके पीछे से कोई घर में घुसा है तो तुरन्त पुलिस को सूचित करें।
  • दूरदर्शिता से काम लेते हुए सजग व चौकन्ने होकर ही बाहर निकलें।
  • बाजार में या कहीं अन्य सड़क पर चलते हुए अगर आप अनुभव करें कि कोई आपका पीछा कर रहा है, तो सड़क पार करके दूसरी तरफ आ जाएं और आस-पास के व्यक्तियों की सहायता लें ।
  • अगर आप संकट में पड़ ही जाएं तो अपना मस्तिष्क संतुलित रखते हुए तुरन्त निर्णय लेना चाहिए कि आपके लिए खुद को सुरक्षित रखने के लिए एकदम भागना उचित है या रुक कर दो-हाथ करना। भावी दुर्घटना के प्रति मानसिक रूप से सचेत होकर आप जो भी निर्णय लेंगी, तुरन्त उसी के अनुरूप आप काम भी करेंगी।
  • सहायता के लिए पुकारते हुए दौड़ पड़ने के साथ-साथ अपने हाथ के सामान, बैग या छाते का प्रयोग करके भी स्वयं को बचा सकती हैं।
  • समाज में आज महिलाओं के प्रति बढ़ रही अपराधिक घटनाओं के मद्देनजर उसमें सेल्फ डिफेंस यानि अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकने की क्षमता होना समय की पहली आवश्यकता बन गई है।

इसलिए महिलाओं को खुद को सजग होने की खास जरूरत है। – अनिल कुमार

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