जब रोमछिद्र सौंदर्य में बाधक हो

जब रोमछिद्र सौंदर्य में बाधक हो

अक्सर कहा जाता है कि रोमछिद्र कैसे भी क्यों न हों, इनके साथ जीना सीखें, क्योंकि ये जैसे हैं, वैसे ही रहेंगे।

बड़े रोमछिद्र बड़े ही रहेंगे?

ऐसा जरूरी नहीं है। अगर आपके रोमछिद्र बड़े हैं तो इन्हें बड़ा होने से रोकने के लिए विटामिन ए से बनी रेटिनॉइड क्रीम लगाएं। इससे थोड़ा पीलिंग इफेक्ट आता है, यानी रोमछिद्र सिकुड़ जाता है। यह उपाय त्वचा रोग विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है।

रोमछिद्रों को नियम से अल्फा या बीटा हाइड्रॉक्सी एसिड युक्त क्लींजर या स्क्रब से साफ करें। ये केमिस्ट की दुकान पर उपलब्ध होते हैं। त्वचा में पाए जाने वाले एंजाइम्स जो मृत त्वचा कोशिकाओं को जोड़ कर रखते हैं, उनको ये बढ़ने से रोकते हैं लेकिन बिना डॉक्टरी सलाह के इन्हें प्रयोग में ना लाएं।

मेकअप से सिकुड़ते हैं रोमछिद्र?

यह एक दम गलत बात है। सही मेकअप सिर्फ रोमछिद्र को कम करके दिखाता है। रोमछिद्र कम दिखाई दें, इसके लिए सिलिकॉन बेस लिए प्राइमर लगाने के बाद मेकअप करें। इससे त्वचा मुलायम बनेगी और रोमछिद्र भर जाएंगे। ऐसा करने से मेकअप बहुत आसानी से समान रूप से लगता है और चेहरा एकदम साफ नजर आता है। प्राइमर लगाने के बाद फांडडेशन भी लगा सकती हैं, जिसमें क्रीज रेजिस्टेंट सिलिकोन हो। अपनी ब्यूटीशियन से सलाह भी जरूर लें।

स्टीम से खुलेंगे रोमछिद्र?

स्टीम लेने से चेहरे की रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं और चेहरा थोड़ा सूज जाता है। इसी तरह एस्ट्रिंजेंट व टोनर के इस्तेमाल से रोमछिद्रों की दीवार उत्तेजित होती है, जिस कारण वे हल्का सूज जाते हैं और छोटे दिखायी देते है और लगभग 24 घंटे तक इनका असर रहता है लेकिन असल में इनके आकार में कोई बदलाव नहीं आता है अगर आप चाहती हैं कि रोमछिद्र छोटे व कसे रहें, तो इसके लिए इन्हें साफ रखना जरूरी है।

दिन में कम से कम दो बार चेहरा जरूर धोएं। अगर त्वचा तैलीय है तो रोमछिद्र बड़े होंगे क्योंकि तेल इनके किनारों में इकट्ठा होने से रोमछिद्र ज्यादा बड़े दिखायी देते हैं। धूप की तेज किरणें रोमछिद्रों के आकार को प्रभावित करती हैं, खासतौर पर 40 की उम्र में। दरअसल धूप की अल्ट्रा वायलेट किरणों से त्वचा को लचीलापन देने वाले ऊतक प्रभावित होते हैं। रोमछिद्रों के आसपास मौजूद ऊतक कमजोर होते हैं जिस से रोमछिद्र हमेशा के लिए बड़े हो जाते हैं।

ब्लैक व वाइटहेड्स?

एक बात तो तय है कि ब्लैक व वाइटहैड्स की शुरूआत बंद रोमछिद्रों से होती है। ब्लैकहैड्स में गंदगी नहीं होती। इसमें मृत त्वचा कोशिकाएं व सीबम मौजूद होता है, जबकि वॉइट हैड्स बंद होते हैं तो बैक्टीरिया उसके अंदर पैदा हो जाते हैं जिससे पस पड़ने के अलावा जलन हो सकती है। वाइट हैड्स आगे चलकर फुंसियों में तब्दील हो जाते हैं। यह महज एक मिथक है कि ठंडे पानी के छींटे मारने से खुले रोमछिद्र बंद हो जाएंगें।

लेजर स्किन रीसरफेसिंग:-

फ्रेक्सल लेजर उपचार में लाइट के छोटे चैनल से त्वचा में रोशनी डाली जाती है, जिससे रोमकूपों के आसपास की त्वचा बेहतर बने और उसमें कसाव भी आए। दो हफ्तों में तीन बार उपचार दिया जाता है।

स्मूदबीम लेजर:-

इससे तैलीय ग्रंथियों में तेल का उत्पादन कम किया जाता है और कोलोजन उत्पादन को उत्तेजित किया जाता है जिससे एकने के निशान भरते हैं और रोमकूपों में कसाव आता है।

इंटेस पल्स्ड लाइट:-

इंटेंस प्ल्स्ड लाइट उपचार में रोमकूपों में कसाव आता है और पिगमेंटेशन की समस्या ठीक होती हैै।

त्वचा को दें हॉट ट्रीटमेंट:-

त्वचा के बंद रोमछिद्र खोलने के लिए सोना ट्रीटमेंट लिया जाना फायदेमंद होता है। एक बाउल में उबला पानी लें और उसमें चार बूंदें उन असेंशियल आइल्स की डालें जो आपकी त्वचा को सूट करे।

साधारण त्वचा के लिए मैडरिन और लैवेंडर आॅयल मिलाएं। तैलीय त्वचा है तो नींबू और यूकेलिप्ट्स की बंूदें मिलाएं। रूखी त्वचा है तो रोज आॅयल लगाएं। अब अपने सिर पर तौलिया रखते हुए बाउल तक कवर करें। इस अवस्था में लगभग दो मिनट तक रहें। इसके बाद चेहरे पर फेस मास्क लगाएं।
– अंजलि रूपरेला

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